जन जागृती जन विकास शिक्षण संस्था
द्वारा संचालित
उत्कर्ष शिशुगृह
वार्षिक अहवाल २०२०-२०२१

समाज मे उपेक्षित, असहाय परिस्थिति मे जन्मे नवजात शिशुओ को तथा जिन्हे अपने अस्तित्व की पहचान नहीं है ऐसे छत्रविहीन बालकों को अपनत्व देकर ममता के आचल से उनका पालनपोषण करने का कार्य यहा इस संस्था मे अविरत कर्तव्यनिष्ठा से किया जाता है।

“उत्कर्ष शिशुगृह” की स्थापना १० अक्टुबर २०१० को “जनजागृती जनविकास शिक्षण संस्था” द्वारा हुई | ० से ६ वर्ष तक के शिशुओ का बालकल्याण समिती द्वारा पालनपोषण एवं अकोला और वाशीम जिले से दत्तक विधान करने की मान्यता “उत्कर्ष शिशुगृह” को प्राप्त है | अभी तक १२९ बालको का भारत और भारत के बाहर अन्य देशो में यशस्वी पुनर्वसन दत्तक विधान द्वारा हुआ है | निराधार, निराश्रित बच्चो का संगोपन एवं उनका भविष्य ‘स्वर्णिम’ करने का प्रयास याह हमारा सामाजिक, धार्मिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्य है |

उत्कर्ष शिशुगृह एक सरकारी मान्यता प्राप्त संस्था है जो ० से ६ वर्ष के आयु वर्ग के १० अनाथ और बेसहारा बच्चो की देखभाल करती है और उन्हे एक उचित दंपती को गोद दिया जाता है | संगठन स्थायी गैर-अनुदान आधार पर चलाया जाता है और सामान्य जनता इस संगठन का मुख्य आधार है|

उत्कर्ष शिशुगृह :- संस्था की जगह १७००० स्क़्वे. फुट में  है | इस पर   ५५०० वर्ग फुट की जगह में शानदार इमारत का निर्माण कर प्रकल्प चलाया जा रहा है |

बालक :- शिशुगृह को ० से ६ वर्ष की आयु के १० बच्चो का संगोपन करने की शासन मान्यता है | इस समय शिशुगृह में प्रवेशित २३ बच्चो का संगोपन किया जा रहा है | उस में १३ बालक और १० बालिकाओ का समावेश है | वयोगट के अनुसार उन मे ०-१ वर्ष की आयु के ५ बालक और ३ बालिका, १-३ वर्ष के आयु के १ बालक और १ बालिका, ३-६ वर्ष के आयु के ७ बालक और ६ बालिकाऐ है | उन् में १० बच्चे दत्तक विधान के लिये और १३ बच्चे संगोपन के लिये संस्था में दाखील है |

बच्चो की दैनंदिनी :-

पोषक आहार :- बच्चो के लिये प्रतिदिन ३ लिटर शुद्ध गाय का दूध और साथ ही प्री लॅक्टोजन, प्रीनॅन, सॅरेलॅक, बिस्कुट, फल प्रदान करते है जो पौष्टिक आहार में आवश्यक होते है |

चिकित्सा सेवाएं :- चुंकि आनेवाले बच्चे बेसहारा, कमजोर और अपूर्ण रूप से विकसित होते है, उन्हे गहन देखभाल की आवश्यकता होती है | बच्चो के सेहत का ध्यान रखते हुए शिशुगृह में एक आरोग्य अधिकारी और परिचारिका है |

स्पेशल नीड के बच्चो के लिये शहर के नामांकित डॉ. दर्शन लड्ढा के यहा (speech therepy) उपचार जरी है | शिशुगृह के सभी बच्चो का इलाज शहर के नामांकीत छाती एवं बालरोग तज्ञ डॉ. अनुप कोठारी विनाशुल्क आपनी सेवा प्रदान करते है|

जो बच्चे शिशुगृह से दत्तक जाते है, ऊन बच्चो की bera, OAE जैसे टेस्ट कार्ये जाते है |

१)T4, TSH

२) HBS AG

३)CBC, LFT, RFT

४)HIV, HCV आदी टेस्ट

भी कराये  जाते है |

बच्चो के लिये सुख सुविधा :- ३-६ आयु के बच्चो के मनोरंजन के लिये टीव्ही और खिलौनो की सुविधाऐ है, बच्चो के अच्छे संस्कार के लिये सुबह प्रार्थना की जाती है |

मशनरी एवं यंत्रसामग्री :- संस्था में बच्चो की सेवा में दो ए.सी., पी.बी.यु . युनिट, सी.सी.टी.व्ही. कैमेरा, एअर कुलर, वॅाशिंग मशीन, आर.ओ मशीन, मिक्सर, फ्रीज, ग्राइंडर, रूम हिटर, गिझर, बी.पी. मशीन, नेब्युलायझर, पलंग, पाळणे, कपाट, इत्यादी यंत्रसामग्री उपलब्ध कराई गयी है |

दत्तक विधान :- ० से ६ वर्ष तक के शिशुओ का पालनपोषण एवं दत्तक विधान करने की मान्यता “उत्कर्ष शिशुगृह” को प्राप्त है | पिछले साल २०  बालको का भारत और भारत के बाहर अन्य देशो में यशस्वी पुनर्वसन दत्तक विधान द्वारा हुआ है |

संस्था की आर्थिक स्थिती :- संस्था आर्थिक रूप से संपूर्णता विना अनुदान तत्व पर आधारित है | संस्था को शासन की तरफ से किसी भी प्रकार की राशी प्राप्त नही होती | संचालक मंडल की प्रयासोसे संस्था अच्छी तरह से चल रही है | संस्था की आर्थिक स्थिती ठीक है |

ATG/135/12A/FCRA इनके लिये संस्था के प्रयास शुरू है, इसके लिये  आवश्यक दस्तावेज की पुर्ती की गयी है | संस्था का हर साल ऑडीट किया जाता है, यह ऑडीट संस्था स्वयं करती है | यह ऑडीट चॅरिटी कमिशनर ऑफिस को सोपा जाता है | संस्था के नाम से पॅनकार्ड भी है |